ऐ मेरे नवोदय मुझे जरा फिर से तो बुलाना … By Pankaj Chourey Navodayan
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ऐ मेरे नवोदय मुझे जरा फिर से तो बुलाना … आओ मिलकर हम उन यादों को ताजा करे। उठ जाए सर गर्व से उन अनुभवों को साझा करे।। जिक्र-ए- तारीफ में तेरे लिए अल्फाज कहां से लाऊ। "नवोदय " शब्द ही काफी है जिसमें सारा ब्रह्मांड समाया हैं। सात सालों में सात जन्मों का हिसाब लगाऊ तो भी कम होगा। कोई क्या पुछेगा हमसे कि हे प्राणि तू कहाँ से आया है।। तुम जो साथ नही हो तो,गिलास भर चाय पीना भूल गया, वो चौराहे की महफ़िल सी,दुनिया में जाना भूल गया, वो एक ही थाली,एक ही प्याली,तीन-तीन दोस्तों की टोली में खाना खाना भूल गया, तुम "मित्र" गजब थे,वो चरित्र गजब थे, औरों को यार बुलाना भूल गया, वो कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना अपने बाल खुद न काढ पाना पी टी शूज को चाक से चमकाना वो काले जूतों को पैंट से पोछते जाना ऐ मेरे नवोदय मुझे जरा फिर से तो बुलाना … वो बड़े नाखुनो को दांतों से चबाना और लेट आने पे मैदान का चक्कर लगाना वो असेंबली के समय क्लास में ही रुक जाना पकडे जाने पे पेट दर्द का बहाना बनाना ऐ मेरे नवोदय मुझे जरा फिर से तो बुलाना … वो टीन के डिब्बे को फ़ुटबाल बनाना ठोकर मार मार उसे हाऊस तक ले जाना साथी के बैठने से पहले बेंच सरकाना और उसके गिरने पे जोर से खिलखिलाना ऐ मेरे नवोदय मुझे जरा फिर से तो बुलाना … गुस्से में एक-दूसरे की कमीज पे स्याही छिड़काना वो लीक करते पेन को बालो से पोछते जाना क्लास में सुतली बम पे अगरबती लगा छुपाना और उसके फटने पे कितना मासूम बन जाना ऐ मेरे नवोदय मुझे जरा फिर से तो बुलाना … वो गेम्स पीरियड के में टीचर को पटाना यूनिट टेस्ट को टालने के लिए उनसे गिडगिडाना जाड़ो में बाहर धूप में क्लास लगवाना और उनसे रात की सब्जी पकड़ने पर माफी मांगना ऐ मेरे नवोदय मुझे जरा फिर से तो बुलाना … वो एग्जाम से पहले गुरूजी के चक्कर लगाना बार – बार बस इम्पोटेंट पूछते जाना वो उनका पूरी किताब में निशान लगवाना और हमारा पूरे कोर्स को देख चकराना ऐ मेरे नवोदय मुझे जरा फिर से तो बुलाना … वो एनुअल डे पार्टी के दिन समोसे कचौड़ी खाना और जूनियर लड़को को ब्रेक डांस सिखाना वो मेरे नवोदय का मुझे यहाँ तक पहुचाना ऐ मेरे नवोदय मुझे जरा फिर से तो बुलाना …