Poems from Singh_Sam_Ranjeet
एक ज़िन्दगी ऐसी भी ,
हो खुशियां और जेब में सुकून भी न हो किसी की आवाज़ें न ही अलार्म के बाजे ,चिड़ियों की चहचहाहट से नीन्द खुले ,झरने के...
ऐ वक्त ज़रा थम जा,
लहरों को देख थोड़ा खेलना सिख,हवाओं की तरह तू मदमस्त बहना सीख,चिड़ियों को तू चहचहाने दे,मुझमे तू मुझको खो जाने दे,कल को कौन...